
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक अहम बयान देते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स Global Capability Centers , GCCs में काफी वृद्धता होगी। उनका मानना है कि 2030 तक ये सेंटर्स देश की अर्थव्यवस्था में करीब 200 अरब डॉलर का योगदान दे सकते हैं और इस प्रक्रिया में लाखों नए रोजगार पैदा होंगे।
उन्होंने CII-GCC बिजनेस समिट में बोलते हुए बताया कि 2024 में हर हफ्ते औसतन एक नाया GCC भारत में शुरू हुआ है।-CNN HINDI. ऐसे ही, विश्व की लगभग आधी Fortune 500 कंपनियां भारत में अपने gcc खोल चुकी हैं।
देश में करीब 1,800 जी.सी.सी. काम कर रहा है जो लगभग 21.6 लाख पेशेवरों के रोजगार दे रहा है। पिछले पांच वर्षों में इस सेक्टर की वार्षिक वृद्धि दर 11% सीएएजीआर रही है और सरकार द्वारा 2030 तक इस आंकड़ा 28 लाख के करीब लागू किया जा सकता है।
सीतारमण ने कहा कि अभी GCC मुख्य बाज़ार क्रमों में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 68 अरब डॉलर की सीधी सकल मूल्य में वृद्धि कर रहे हैं, जो करीब 1.6% के करीब राष्ट्रीय जीडीपी रहेगा। आने वाले समय में यह आंकड़ा 150 से 200 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि अब तकिया तलवार-साबी केवल बैकएंड प्रोसेसिंग ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग और रिसर्च GCCs से जल्दी हिस्सेदारी दी जा रही हैं। पिछले पांच सालों में इन GCCs की स्थापना दर 1.3 गुना ज्यादा है।
सीतारमण ने भारतीय मोह और स्किल्सिटियुड की सराहना करते हुए यह कहा,
“हमारा टैलेंट सिर्फ कापा नहीं है, लीकिंग भी है। ये सेवाएँ अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया की तुलना में 30 % से 50 % सस्ती हैं।”
उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में भारत का GCC अरिसीसंवेदनी पहुँच पूरी तरह से परिवर्तित हो गया है। अब ये केवल काम करने वाले केंद्र नहीं हैं, ये एक चरण विभागी और नोवंलंदेश भी बन गए हैं।